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नागपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राहुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवाजी भानुदास कर्डीले का 66 वर्ष की उम्र में हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और नागपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कर्डीले के निधन से उनके परिवार, समर्थकों और स्थानीय राजनीतिक समुदाय में गहरा शोक व्याप्त है। वे अहिल्यानगर जिले के राहुरी विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके थे और भाजपा के एक अनुभवी और लोकप्रिय नेता माने जाते थे।
राजनीतिक सफर
शिवाजी कर्डीले ने अपने करियर की शुरुआत डेयरी व्यवसाय से की और इसके बाद गांव के सरपंच बने। स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधायक बनने के बाद, 2009 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर राहुरी सीट से जीत हासिल की।
2014 में उन्होंने 91,454 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके समर्थन में राहुरी में जनसभा की थी। हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
पारिवारिक जीवन
कर्डीले के परिवार में तीन बेटियां हैं — एक की शादी भानुदास कोतकर परिवार में, दूसरी अरुण जगताप परिवार में और तीसरी शिवसेना के गाडे परिवार में हुई है। उनके दामाद संग्राम जगताप (अहिल्यानगर विधायक) और संदीप कोतकर (पूर्व महापौर) हैं।
अब उनके पुत्र अक्षय कर्डीले राजनीति में सक्रिय हो गए हैं और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।




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