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येरखेडा — नगर पंचायत चुनाव की तारीख नज़दीक आने के साथ ही यहां का राजनीतिक माहौल बेहद गर्म हो चुका है। लेकिन पूरे वातावरण में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं भाजपा के नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार राजकिरण शिवराम बर्वे। जहां भी वे प्रचार के लिए पहुँचते हैं, वहां उमड़ण वाली भीड़, युवाओं का उत्साह और महिलाओं का मजबूत समर्थन उनके अभियान को नई गति दे रहा है।
गांव के हर प्रभाग में इस समय चर्चा का एक ही विषय है, “येरखेडा के विकास का बर्वे-मॉडल”। बर्वे की सभाओं में युवाओं की गूंजती हुई आवाज़ें और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा दिया जा रहा आदर, इस दोहरी ऊर्जा ने उनके व्यक्तित्व को और अधिक प्रभावी बनाया है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ बेहद खास—
“हमें वादे नहीं, काम करने वाला नेता चाहिए।”
“बर्वे ने पिछले कुछ वर्षों में जो काम किए, वो सबके सामने हैं।”
“इस बार गांव को सही नेतृत्व मिलना चाहिए।”
मतदाताओं की इन स्पष्ट भावनाओं ने चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना दिया है।राजकिरण बर्वे ने अपने प्रचार में पेयजल, स्वच्छता, सड़क-विकास, डिजिटल सुविधाएँ और शिक्षा जैसे मुद्दों पर ठोस रोडमैप प्रस्तुत किया है। हर भेट में उन्होंने “येरखेडा प्रथम” की नीति पर जोर दिया है, जिससे जनता में उनके प्रति भरोसा और बढ़ा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का भी कहना है कि
“बर्वे की रफ्तार, जनता का उत्साह और गांव का माहौल देखकर यह साफ है कि इस चुनाव में उनका पक्ष और मजबूत दिख रहा है।”
चुनाव के लिए कुछ ही दिन शेष हैं। जहां विपक्ष अभी भी अपनी रणनीति दुरुस्त करने में लगा है, वहीं राजकिरण बर्वे का प्रचार गांव-गांव में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आने वाले दिनों में मुकाबला और रोमांचक होने वाला है, लेकिन फिलहाल एक बात बिल्कुल साफ है—
येरखेडा की जनता बदलाव नहीं, बल्कि स्थिर और ठोस विकास चाहती है।



